राजस्थान में एक सदनीय विधानमंडल हें . राज्य की प्रथम विधान सभा के 160 सदस्यों के लिए आम चुनाव
4 से 24 जनवरी 1952 तक हुए व इसका गठन 29 फरवरी 1952 को हुआ . इसकी प्रथम बैठक 29
मार्च 1952 को जयपुर के सवाई मानसिंह टाउन होल में हुई वर्तमान विधान सभा का
नया भवन वर्ष 2001 में ज्योतिनगर,जयपुर में बनकर तैयार हुआ जिसका लोकार्पण 6
नवम्बर 2001 को तत्कालीन राष्ट्रपति श्री के.आर. नारायणन ने किया . इस भवन के
उत्तरी प्रवेश द्वार में जयपुर शैली दक्षिणी प्रवेश द्वार में मारवाड़ी शैली पूर्वी
में शेखावाटी तथा पश्चिमी द्वार के बरामदे में में मेवाड शैली का स्थापत्य
दृष्टिगोचर होता हें ,
श्री नरोत्तम
लाल जोशी ( झुंझुनू से निर्वाचित ) को पहली विधान सभा का प्रथम अध्यक्ष तथा श्री
लाल सिंह शक्तावत को उपाध्यक्ष चुना गया .श्री मोहनलाल सुखाडिया 31. 11. 1954 से 8. 7. 1971 तक सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहे , 1954 में श्रीमती कमला बेनीवाल राज्य की पहली महिला मंत्री बनी .
श्री सुखाडिया के कार्यकाल में 1967 में चोथी विधान सभा में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारन राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागु हुआ . राज्य में अब तक चार बार राष्ट्रपति शासन लागू हो चूका हें .
श्री बरकतुल्ला खां राज्य के पहले एवं एक मात्र अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री बने ( 1971 में ) इनका कार्यकाल के दौरान ही निधन हो गया .
श्री भेरोसिंह शेखावत 22 जून 1977 को राज्य के पहले गैर कोंग्रेसी ( जनता पार्टी की सरकार के ) मुख्यमंत्री बने .परन्तु 1980 में उनकी सरकार को बर्खास्त कर पुनः विधान सभा चुनाव ( पहले मध्यावधि चुनाव ) करवाए गए . श्री शेखावत 4 मार्च 1990 को दूसरी बार तथा 4 दिसम्बर 1993 को तीसरी बार मुख्यमंत्री बने .
श्री जगन्नाथ पहाडिया मध्यावधि चुनावों में कोंग्रेस की जीत ( सातवीं विधान सभा में ) के बाद 1980 में अनुसूचित जाती के राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने .
श्री हीरालाल देवपुरा सबसे कम अवधि ( 16 दिन 23 फरवरी 85 से 10 मार्च 85 तक ) तक मुख्यमंत्री रहे .
श्रीमती वसुंधरा राजे 8 दिसम्बर 2003 को राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी , वे झालरापाटन ( झालावाड़ ) विधान सभा क्षेत्र से चुनी गई . इससे पूर्व वे झालावाड़ सीट से लोसभा सदस्य थी
देश में द्विसदनीय विधान मंडल वाले राज्यों की संख्या छह ( जम्मू कश्मीर , उत्तरप्रदेश , बिहार , कर्नाटक , महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश )हें . आँध्रप्रदेश में हाल ही विधानपरिषद का गठन हुआ .
श्रीमती यशोदा देवी 1953 के बांसवाडा के उपचुनावों में पहली महिला विधायक बनी .
राजस्थान गठन के समय अजमेर मेरवाड़ा का राज्य में विलय न होने के कारन यहाँ तीस सदस्यीय विधान सभा थी जिसे धारा सभा कहते थे . 1 नवंबर 1956 को अजमेर मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय हो जाने के बाद विधान सभा सदस्यों की संख्या 190 हो गई .
1977 में हुए परिसीमन में विधान सभा सदस्यों कीसंख्या 200 कर दी गई .
पांचवी विधान सभा की अवधि आपातकाल के कारन 5 वर्ष से अधिक कर दी गई थी. यह एक मात्र विधान सभा थी जिसकी अवधि 5 वर्ष से अधिक थी .
राज्य के पहले मध्यावधि चुनाव 1980 में हुए जब छठी विधान सभा 5 वर्ष से पहले ही भंग कर दी गई
आठवीं विधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 17 थी जो अब तक की सर्वाधिक हे
कोंग्रेस के श्री हरिदेव जोशी सम्पूर्ण देश में एक मात्र विधायक रहे जो प्रथम दस विधान सभा चुनावों में लगातार जीते .
ग्याहरवीं विधान सभा में पहली बार कोंग्रेस को 153 सीटें ( तीन चौथाई ) मिली .
2003 में 12 वीं विधानसभा में श्रीमती सुमित्रा सिंह राज्य की पहली महिला विधान सभा अध्यक्ष बनी . इस विधान सभा में भाजपा को पहली बार स्पष्ट बहुमत मिला . 12 वीं विधानसभा में सर्वाधिक महिला प्रत्याशी थी . इस विधानसभा चुनाव में 12 महिलाएं विधायक बनी. डीग विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की दिव्या सिंह के जीतने के बाद महिला सदस्यों की संख्या 13 हो गई .
12 वीं विधानसभा
में पहलीबार सम्पूर्ण राज्य में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन से मतदान कराया गया
.
जैसलमेर राज्य का सबसे बड़ा
निर्वाचन क्षेत्र हें ,
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