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Wednesday 2 April 2014

राजस्थान एक परिचय

स्थिति -राजस्थान भारत के उत्तर पश्चिमी भाग में23*30' उत्तरी अक्षांश से 30*12'उत्तरी अक्षांश तथा 69*30 पूर्वी देशांतर से  78*17 पूर्वी देशांतर में  हें. इस प्रकार राजस्थान 7*9 अक्षांशो और 8*47 देशान्तरो में विस्तृत हें.1 देशान्तर को पार करने मेँ सूर्य को 4 मिनट लगते हैँ इस प्रकार सूर्य को राजस्थान को पार करने मेँ लगभग 36 मिनट लगते हैँ.

         सामान्य परिचय- राजस्थान की प्राचीन सभी रियासतें राजपूतों के अधीन होने के कारण कालांतर में इस पूरे प्रदेश को राजपूताना कहा जाता था . वल्मिली ने राजस्थान को मरुकान्तार कहा था .  राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानियादित्य वि.स.682 में उत्कीर्ण वसंतगढ़ (सिरोही ) के शिला लेख में मिलता हें. उसके बाद मुहणोत नेनसी की ख्यात व 'राजरूपक' में राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ. इस भू भाग के लिए राजपूताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 में जोर्ज थोमस द्वारा किया गया . कर्नल जेम्स टोड ( पश्चिमी एवं मध्य भारत के राजपूत राज्यों के पोलिटिकल एजेंट ) ने इस राज्य का नाम राय्थान रखा . क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास प्रान्त को राय्थान कहते हें .उन्होंने 1829 में अपनी प्रसिद्ध एतिहासिक  पुस्तक "Annals and Antiquities of rajasthan (Or Central And Western rajpoot states of india)" में  सर्वप्रथम राजस्थान शब्द प्रयोग किया .

            स्वतंत्रता के समय राजस्थान 19 देसी रियासतों 3ठिकाने -कुशलगढ, लावा , नीमराना व 1 चीफ कमिश्नर द्वारा प्रशासित अजमेर-मेरवाड़ा प्रदेश में विभक्त था . यह अपने वर्तमान स्वरुप में 1नवम्बर 1956

 को आया . राजस्थान निर्माण के सात चरणों से गुजरा  हें . सर्वप्रथम 18 मार्च  1948 को अलवर, भरतपुर, धोलपुर, और करोली रियासत को मिला कर मतस्य संघ बनाया गया . ( लेकिन ये ध्यान रखना चाहिए की अगर इनमे से कोई एक रियासत के राजस्थान में मिलने का समय पूछा जाए तो वो पंचम चरण में 15 मई 1949 होगा क्योंकि मत्स्य संघ का विलय इसी दिन हुआ था )  इनका शोर्ट कट हें (ABCD) . बारे में विस्तार से राजस्थान का एकीकरण पढते समय जानेंगे . 30 मार्च 1949 को जयपुर बीकानेर जैसलमेर और जोधपुर जेसी बड़ी रियासते मिलने से इसी दिन लो राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ,

       * राज्य की प्रथम लोकप्रिय ( उत्तरदायी ) सरकार श्री हीरालाल शास्त्री के नेतृत्व में 7 अप्रेल 1949 को गठित हुई . श्री हीरालाल शास्त्री राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने ( इससे पहले इस पद का नाम प्रधानमंत्री था )उदयपुर के महाराज भूपालसिंह को आजीवन महाराजप्रमुख,जयपुर महाराजा सवाई जयसिंह को राजप्रमुख तथा कोटा के महाराव श्री भीमसिंह को उपराजप्रमुख बनाया गया ,5 जनवरी 1951 को शास्त्री मंत्रिमंडल के त्याग पत्र देने के बाद श्री सी.एस. वेंकटाचारी ( आई सी एस अधिकारी ) सरकार कार्यरत रही .26 अप्रेल 1951 को श्री जयनारायण व्यास के मुख्यमंत्रित्व में नई सरकार का गठन हुआ जिसके कार्यकाल में जनवरी  1952 में 160 सदस्यीय विधानसभा के प्रथम आम चुनाव हुए .  3 मार्च 1952 को राज्य की प्रथम लोकतान्त्रिक सरकार बनी ( हीरालाल शास्त्री की सरकार प्रथम लोकप्रिय सरकार थी ) एवं टीकाराम पालीवाल पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने ( हिरालाल शास्त्री प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री थे ).

       *30 मार्च  1949 को जयपुर रियासत का विलय होने पर जयपुर के भूतपूर्व महाराजा सवाई मानसिंह राज्य के पहले व एक मात्र राजप्रमुख बनाये गए  जिन्होंने  1 नोवंबर  1956 तक कार्य किया . राजस्थान में राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद  1 नवम्बर  1956 को राज्य के पुनर्गठन के बाद सृजित हुआ . राज्य के प्रथम राज्यपाल सरदार गुरुमुख निहालसिंह बने 

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