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Wednesday 2 April 2014

हवामहल

हवामहल
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* जयपुर में राजस्थान का प्रथम हवामहल स्तिथ है
* सवाई प्रताप सिंह ने 1799 ई में हवामहल का निर्माण करवाया
* हवामहल के वास्तुकाल लालचंद उस्ता थे
* हवामहल भगवन श्री क्रष्ण को समर्पित है ,इसकी बाहरी आक्रति भगवान श्री क्रष्ण के मुकुट जेसी है।
* हवामहल बनाने का मकसद = माहारानिया खिडकियों के पीछे बैठकर गणगोर ,तीज ,जन्माष्टमी आदि की सवारिया तथा बाजार की हलचल देख सके। तथा बाहरी लोग उनको ना देख सके।
* इसे राजस्थान का एयर दुर्ग भी कहा जाता है।
953 - हवामहल छोटी छोटी कुल खिडकिया है।
365 - हवामहल में मुख्य खिडकियों की संख्या है
152 - हवामहल में झरोखो की संख्या है।
हवामहल पांच मंजिला है
1 शरद मंदिर / प्रताप मंदिर (हवामहल की पहली मंजिल है
2 रतन मंदिर (हवामहल की दूसरी मंजिल
3 विचित्र मंदिर (हवामहल की तीसरी मंजिल
4 प्रकाश मंदिर (हवामहल की चोथी मंजिल
5 हवा मंदिर (हवामहल की पांचवी मंजिल

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