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Wednesday 2 April 2014

राजस्थानी साहित्य

- 20 वीं सदी में राजस्थान के इतिहास लेखन
की परंपरा आरंभ करने वाले
राजस्थानी इतिहासकार - पं. गौरी शंकर हीराचंद
ओझा
- राजस्थानी गद्य साहित्य के अमर लेखक
बांकीदास की ऐतिहासिक बातों का
संग्रह - सिंढायच
- मुंडियार री ख्यात को राठौड़ा री ख्यात
भी कहा जाता है जिसके लेखक है - दयालदास
- 8 वीं शताब्दी में संस्कृत भाषा में रचित शिशुपाल
वधम नामक महाकाव्य के
रचयिता महाकवि माघ राजस्थान की विभूति है
जो भीनमाल के निवासी थे।
- कान्हड़दे प्रबंध के रचयिता महाकवि पदमनाभ
जालोर के शासक अखेराज
सेानगरा के दरबारी थे।
- राजस्थानी साहित्य के अमर लेखक बांकीदास
मारवाड़ध्जोधपुरमहाराजा
मानसिंह के व दयालदास बीकानेर महाराज रतनसिंह
के दरबारी थे।
- विधवा जीवन पर लिखी गई रचना हूं गौरी किण
पीव री के लेखक है -
यादवेंद्र शर्मा चंद्र







राजस्थान के इतिहास से संबंधित प्रमुख साहित्यिक कृतियां भाग 3:~

तारीख-उल-हिंद:अलबरूनी द्वारा लिखित इस ग्रंथ से 1000 ई.के आसपास की राजस्थान की सामाजिक व आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।

तारीख-ए-अलाई (ख्जाइन उल फुतूह):अमीर खुसरों द्वारा रचित इस ग्रंथ में अलाउद्धीन खिलजी एवं मेवाड़ के राणा रतनसिंह के मध्य सन 1303 में हुए युद्ध व रानी पद्मिनी के जौहर का वर्णन मिलता है।

तारीख-ए-फिरोजशाही:जियाउद्धीन बरनी द्वारा लिखित इस ग्रंथ से रणथंभौर पर हुए मुस्लिम आक्रमणों की जानकारी मिलती है।

तारीख-ए-शेरशाही:अब्बास खां सरवानी द्वारा लिखित इस ग्रंथ में शेरशाह सूरी एवं मारवाड़ के शासक राव मालदेव के मध्य सन 1544ई में हुए गिरी सुमेल के युद्ध का वर्णन किया गया है। सरवानी इस युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी था।

राठौड़ रतनसिंह महेस दासोत री वचनिका:जग्गा खिडि़या द्वारा रचित डिंगल भाषा के इस ग्रंथ से जोधपुर शासक जसवंतसिंह के नेतृत्व में मुगल सेना एवं मुगल सम्राट शाहजहां के विद्रेाही पुत्र औरंगजेव व मुराद की संयुक्त सेना के बीच हुए धरमत (उज्जैन) के युद्ध में राठौड़ रतनसिंह के वीरतापुर्ण युद्ध एवं बलिदान का वर्णन है।

अचलदास खींची री वचनिका:चारण कवि शिवदास गाडण द्वारा रचित इस डिंगल ग्रंथ से मांडू के सुल्तान हौशंगशाह व गागरौन के शासन अचलदास खींची के मध्य हुए युद्ध (1423ई.) तथा गागरोन के खींची शासको के बारे में संक्षिप्त जानकारी मिलती है।

बीसलदेव रासो:नरपति नाल्ह द्वारा रचित इस रासौ ग्रंथ से अजमेर के चैहान शासक बीसलदेव उर्फ विग्रहराज चतुर्थ एवं उनकी रानी (मालवा के राजा भोज की पुत्र) राजमति की प्रेमगाथा का वर्णन मिलता है।

राव जैतसी रो छंद: बीठू सूजा द्वारा रचित डिंगल भाषा के इस ग्रंथ से बीकानेर पर बाबर के पुत्र कामरान द्वारा किए गए आक्रमण एवं बीकानेर के शासक राव जैतसी (जेत्रसिंह) द्वारा उसे हराये जाने का महत्वपूर्ण वर्णन मिलता हैं।

वंश भास्कर:बूंदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा 19 वीं शताब्दी में रचित इस पिंगल काव्य ग्रंथ में बूंदी राज्य का विस्तृत, ऐतिहासिक एवं उतरी भारत का इतिहास तथा राजस्थान में मराठा विरोधी भावना का उल्लेख किया गया है। वंश भास्करको पूर्ण करने का कार्य इनके दतक पुत्र मुरारीदान ने किया था।

वीरसतसई:बूंदी के शासक महाराव रामसिंह हाड़ा के प्रसिद्ध दरबारी कवि सूर्यमल मिश्रण द्वारा रचित इस ग्रंथ से बूंदी के हाड़ा शासकों के इतिहास, उनकी उपलब्धियों व अंग्रेज विरेाधी भावना की जानकारी मिलती है। सूर्यमल मिश्रण की अन्य रचनाएं - बलवंत विलास, छंद मयूख, उम्मेदसिंह चरित्र व बुद्धसिंह चरित्र है।

चेतावनी रा चूंगट्या:राजस्थान के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर केसरीसिंह बारहट ने इन दोहों के माध्यम से मेवाड़ा महाराणा फतेहसिंह को वर्ष 1903 के लाॅर्ड कर्जन के दिल्ली दरबार में जाने से रोका था।

वीर विनोद:मेवाड़ महाराणा सज्जनसिंह (शंभूसिंह) के दरबारी कविराज श्यामलदास ने अपने इस विशाल ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना महाराणा सज्जनसिंह के आदेश पर प्रारंभ की। चार खंडों में रचित इस ग्रंथ पर कविराज श्यामलदास का ब्रिटिश सरकार द्वारा केसर-ए-हिंद की उपाधि प्रदान की गई। इस ग्रंथ में मेवाड़ के विस्तृत इतिहास सहित अन्य संबंधित रियासतों का भी वर्णन है। मेवाड़ महाराणा सज्जनसिंह ने श्यामलदास को कविराज व महामहोपाध्याय की उपाधि से विभूषित किया था।

ढोला मारवणी री चैपाई (चड़पही):इस ग्रंथ की रचना कवि हरराज द्वारा जैसलमेर के यादवी वंशी शासकों के मनोरंजन के लिए की गई।

बातां री फुलवारी:आधुनिक काल के प्रसिद्ध राजस्थानी कथा साहित्यकार विजयदान देथा द्वारा रचित इस रचना में राजस्थानी लोक कलाओं का संग्रह किया गया।


















1. चेतावनी री चुंगटिया के रचयिताकौन थे ?
(E.O.-08)
Ans:- केसरी सिंह बारहट
2. जागती जोत मासिक पत्रिका का प्रकाशन
होता है ? (RPSC, 07)
Ans:- राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं
संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा
3. मुहणोत नैणसी का प्रसिद्ध ग्रन्थ है ?
(Churu Patwari Ex .-11 )
Ans:- मुहणोत नैणसी री ख्यात ( राजस्थान
की सबसे प्राचीन ख्यात- Patwari Hmgh
Ex.-11 )
4. ‘राजस्थान का गजेटियर’ कहा किसे
कहा जाता है ?
Ans:- ’मारवाड रा परगना री विगत‘ को( मुहणोत
नैणसी द्वारा लिखित )
5. ‘वेलिक्रसन रूक्मणी री’ की रचना किसने
की थी ?
Ans:- पृथ्वीराज राठौड़ ने ( इसे पांचवाँ वेद
कहा जाता है )
6. राजस्थान में ‘राणी जी’ के नाम से प्रसिद्ध
लेखिका है ? (RAS-03)
Ans:- लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत
7. संगीतराज, संगीत मीमांसा ग्रन्थ और गीत
गोविंद पर रसिक प्रिया नामक टीका के लेखक थे ?
Ans:- राणा कुम्भा
8. विजयसिंह पथिक द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र
कौनसा था ? (Bhilwara Patwari
Ex .-11 )
Ans:- राजस्थान केसरी
9. वीर भान द्वारा रचित किस ग्रंथ में मुगल
सेना के विरुद्ध राठौड़ों द्वारालड़े गए युद्ध
का वर्णन है?
Ans:- राजरूपक में
10. हम्मीर रासो किस भाषा का ग्रन्थ है, व इसके
रचियता कौन है ? (Police-99, SLET-01)
Ans:- संस्कृत भाषा का , रचियता- सारंगदेव
11. ‘भारतेश्वर बाहुबली घोर’
राजस्थानी भाषा का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है, इसके
रचियता कौन है ? (Barmer Patwari
Ex .-11 )
Ans:- ब्रज सैन सूरि
12. संगीत रत्नाकर के रचनाकार है -(Barmer
Patwari Ex .-11)
Ans:- शारंगधर
13. खुमाण रासो की स्थापना किसने की थी।
Ans:- दलपत विजय
14. राजस्थानी भाषा में ‘पातल और पीथल′
की रचना किसने की ? (Bhilwara Patwari
Ex .-11 )
Ans:- कन्हैया लाल सेठिया
15. राजवल्लभ के लेखक थे ?
Ans:- मण्डन
16. ‘मरूवाणी’ क्या है – (Jaipur Patwari
Ex.-11)
Ans:- राजस्थानी भाषा की मासिक पत्रिका
17. वीर रस में डिंगल काव्य की रचना का श्रेय
किस जाति को है ? (Kota Patwari Ex.-11)
Ans:- चारण तथा भाटों को
18. राजस्थानी साहित्य (Rajasthani
literature) का वीर गाथा काल है ? (SWM
Patwari Ex.-11)
Ans:- विक्रम संवत 800 से 1460
19. राव जैतसी रो छंद की रचना किसने की।
Ans:- सूजाजी
20. ‘जैसलमेर राज्य का गुंडा शासन’नामक पुस्तक
किसने लिखी थी ? (SWM Patwari Ex.-11)
Ans:- सागरमल गोपा ने
21. भूंगल पुराण का संबंध है।
Ans:- जसनाथजी
22. राजस्थानी भाषा(Rajasthani
language) के विद्वान व राजस्थानी में रामायण
के रचियता है -(Bharatpur Patwari
Ex .-11 )
Ans:- संत हनवंत किंकर
23. भारतीय प्राचीन लिपि माला के लेखक कौन है ?
(RPSC Exam)
Ans:- गौरीशंकर हीराचंद ओझा
24. वह रचना जिसको जवाहरातों की स्याही से
लिखा गया था, का नाम है।
Ans:- गुलिस्ता
25. राजस्थानी हिंदी शब्दकोष (Hindi
dictionary) के संपादक कौन थे ?
(RPSC-07, B.Ed-95)
Ans:- सीताराम लालस ( पदमश्री विजेता )



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